पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने रिटायर्ड अफसर के नेपाल से लापता होने का मुद्दा उठाया है। पाक मीडिया के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शाह फैसल ने बुधवार को इशारों में भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें दुश्मन एजेंसी का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता। पाक मीडिया ने फैसल से लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब जहीर के भारत की कस्टडी में होने पर सवाल किया गया था। पत्रकारों ने भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए पूछा था कि क्या पाक सरकार कर्नल जहीर को लेने के लिए कुलभूषण जाधव को उन्हें सौंपने पर तो विचार नहीं कर रही। इस पर फैसल ने कहा कि जब तक कर्नल जहीर घर नहीं पहुंच जाते, तब तक पाक सरकार शांत नहीं बैठेगी।
क्या है मामला?
पाकिस्तानी आर्मी का कर्नल जहीर अप्रैल 2017 में नेपाल के लुम्बिनी से लापता हो गया था। अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्क थॉम्पसन नाम के किसी व्यक्ति ने जहीर से मेल और फोन पर जॉब इंटरव्यू के बारे में बातचीत की थी। इतना ही नहीं, जहीर को जॉब के लिए एयर टिकट भी भेजे गए थे। 6 अप्रैल को जहीर भारतीय सीमा से लगने वाले लुम्बिनी शहर पहुंचे, लेकिन उसके बाद परिवार उनसे संपर्क नहीं कर पाया।
जहीर के गायब होने के बाद जांच में सामने आया कि जिस नंबर से फोन किया गया, वह कम्प्यूटर जेनरेटेड था और उसकी वेबसाइट भारत से ऑपरेट हो रही थी। पाक ने जहीर के गायब होने के बाद भारत और नेपाल से मदद मांगी थी। नेपाल ने इस सिलसिले में एक टास्क फोर्स भी गठित की थी, लेकिन जांच बेनतीजा रही।
मामले को दो साल बाद उठाने पर सवाल
पाकिस्तान में इस मामले के दो साल बाद उठने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हाल ही में पाक ने अंतराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के फैसले के बावजूद ईरान से किडनैप किए गए भारतीय कमांडर कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देने से इनकार कर दिया था। इस पर भारत की तरफ से कहा गया था कि वो आईसीजे के जरिए पाक पर दबाव बनाने की कोशिश करेगा। इसी बीच पाक ने लापता अफसर के गायब होने का मामला उठा दिया है। माना जा रहा है कि वह कुलभूषण मामले से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भटकाना चाहता है।