थ्री फेज बिजली सिस्टम के ‘जुगाड़’ से ट्यूबवेल चलाने के चक्कर में जान गंवा रहे हैं किसान, 25 से ज्यादा मौत

बिजली की सिंगल फेज लाइन पर हुक लगाकर थ्री फेज बिजली बनाने के ‘जुगाड़’ से ट्यूबवेल चलाने के चक्कर में किसान को बिजली करंट लग रहा है। इससे पिछले एक साल में करीब 25 किसानों की जान जा  चुकी है तथा 100 से ज्यादा किसान गंभीर घायल हो चुके है। डिस्कॉम की ओर से यह बिजली चोरी की श्रेणी में आने के कारण किसान करंट लगने के मामलों की सूचना ही नहीं देते है।  जयपुर डिस्कॉम के अकेले जेपीडीसी सर्किल के सर्वे में 1198 मामले चिन्हित किए है, जहां पर जुगाड़ से सिंगल फेज लाइन को थ्री फेज में बदल कर ट्यूबवेल चलाने की कोशिश की जा रही है। अब इन मामलों में वीसीआर व जुर्माना लगेगा।


चालू लाइन में हुक लगाने किसीनों को लगता है करंट


प्रदेश के जयपुर, जोधपुर व अजमेर  डिस्कॉम में सर्किलों के ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर सिंगल फेज लाइन से हुक व अर्थ कर थ्री फेज बिजली बनाई जाती है। चालू लाइन में हुक लगाने से किसानों को बिजली करंट लग जाता है तथा वे दुर्घटनाग्रस्त हो जाते है। जयपुर डिस्कॉम के जेपीडीसी सर्किल ने दुर्घटनाओं को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है।


घरेलू सिंगल फेज बिजली सप्लाई भी बाधित
अधीक्षण अभियंता हरिओम शर्मा ने बताया कि  निर्धारित बिजली सप्लाई के अलावा सिस्टम से छेड़छाड़ कर सिंगल व थ्री फेज से ट्यूबवेल चलाने के दौरान दुर्घटनाएं हो रही है। वहीं घरेलू सिंगल फेज बिजली सप्लाई भी बाधित हो रही है। इससे बोर्ड व स्कूल की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे ग्रामीण छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है। 


जानिए... किसान ऐसे डाल रहे अपनी जान जोखिम में
प्रदेश में खेती के लिए तीन ब्लॉक यानि छह से आठ घंटे ही थ्री फेज बिजली सप्लाई होती है। कई इलाकों में घरेलू कामकाज के लिए 18 से 20 घंटे तक सिंगल फेज बिजली सप्लाई होती है। किसान सिंगल फेज सप्लाई के दौरान थ्री फेज ट्रांसफार्मर के इनकमिंग जम्पर से छेड़छाड़ कर एलटी साईड पर एक फेज सप्लाई चालू कर लेते है। सिंगल फेज मोटर चलाकर बिजली का उपयोग करते है या डबल केपिसिटर लगाकर सिंगल फेज सप्लाई को थ्री फेज बनाकर थ्री फेज मोटर चलाते है। गांवों में इस सिस्टम को ‘नाथ’ व ‘लगड़ी’ कहा जाता है। ज्यादा करंट प्रवाहित होने से डिस्कॉम के ट्रांसफार्मर जल रहे है और 11 केवी लाईन के तार पर अधिक लोड के कारण तार टूटने व लाईन ट्रिपिंग की घटनाएं हो रही है। जयपुर डिस्कॉम में 7500 फीडर लाइन है। इसमें से 4000 हजार लाइनों पर बिजली चोरी हो रही है।


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